(बेटी नहीं बचाओगे,तो बहू कहां से लाओगे?)
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आंगनवाड़ी-कार्यकर्ताओं,सहायिकाओं,आशा सहयोगिनी सहित समदड़ी,सिवाना क्षेत्र की अनेक जागरूक महिलाओं ने बालिकाओं का तिलक लगाकर मुंह मीठा कर उनका हौसला अफजाई किया तथा उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से बालिका शिक्षा,पोषण,स्वास्थ्य आदि पर विशेष कार्यक्रम रखकर अपने अपने क्षेत्र में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए,जिसकी प्रेरणा उन बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य हेतु कारगर साबित होगी।मातृशक्ति ने अपनी नन्ही मुन्नी बच्चियों के शानदार नारा लेखन,रंगोली,संविधान की जानकारी,बाल विवाह रोकने,बेटी बचाओ-अभियान जैसे कार्यक्रम और चित्रकला,गीत,कविता के माध्यम से अपने सुरीले अंदाज में दी गई प्रस्तुति ममत्त्व तथा स्नेह का परिचय दे रही थी।यही वात्सल्य उनके बौद्धिक,मानसिक,शारीरिक विकास के लिए एक स्फूर्ति देगा,जो राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा करेगा। एक बेटी का जन्म तीन पीढ़ियों को प्रभावित करता है तथा उनमें जागृति का संदेश देता है।हर मां बाप को अपनी बेटी के जन्म पर खुशियां मना कर परिवार में शिक्षा की जोत जलाने हेतु उनके सम्मान के लिए गुंजाइश पैदा करना अति आवश्यक है।बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री भीमाराम बारूपाल ने बताया कि देवंदी,राखी,धारणा,देवनगर,मजल,मोखंडी,समदड़ी स्टेशन,सिलोर,खाखरलाई से विभिन्न कार्यक्रमों के संदेश पाकर विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी गौरवान्वित हो रहे हैं। कहीं जगह महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं तथा एएनएम ने भरपूर सहयोग दिया।श्री रामलाल परमार सुपरवाइजर,राजेंद्र कुमार तथा मोटा राम पंवार पनावड़ा ने इस कार्य को अति सराहनीय बताया।
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